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JAVA VS C LANGUAGE....

 


नमस्कार दोस्तों एक बार फिर से स्वागत हे आप सभी का आज के इस ब्लॉग में। उम्मीद है आप सभी ने मेरा इससे पहले वाला ब्लॉग देखा होगा।

दोस्तों जब भी कोई किसी PROGRAM या APPLICATION DEVELOP करने की बात आती हे तो सबसे पहले दिमाग में एक सवाल जरूर आता हे की उस PROGRAM या APPLICATION को किस लैंग्वेज में  DEVELOP किया जाए। हर PROGRAMMING LANGUAGE की एक खासियत होती है जो की उसे किसी और लैंग्वेज से COMPARE  करने पर उससे कई ज्यादा BETTER बताती है। दोस्तों यह चीज़ तो आप सभी भी करते ही होंगे जैसे एक EXAMPLE ले लीजिये आपको एक नया SMART PHONE खरीद ना हे लेकिन आप उसे खरीद ने से पहले इंटरनेट पर उसकी कई बार रिसर्च करेंगे "जैसे SAMSUNG GALAXY M31S OR SAMSUNG GALAXY A22 में क्या फर्क है?"वैसे ही एक PROGRAMMER किसी भी PROGRAM या APPLICATION को DEVELOP करने से पहले कई रिसर्च करता हे और उसकी एक DETAILED REPORT बनाता है जैसे की उस PROGRAM या APPLICATION को बनाने की क्या वजह है, वो लोगो के लिए कैसे फायदेमंद रहेगा, और उस PROGRAM या APPLICATION को कौनसी PROGRAMMING LANGUAGE में DEVELOP करना चाहिए जिससे किसी कारणवश उस PROGRAM या APPLICATION में कुछ सुधार करने की जरूरत पड़े तो वो बिना किसी मुश्किल के हो जाये।


JAVA VS C

JAVA एक OBJECT-ORIENTED PROGRAMMING LANGUAGE है और C PROCEDURAL LANGUAGE है। JAVA के PROGRAMS बहुत से OBJECT से मिलकर बने होते है और C LANGUAGE के PROGRAM FUNCTIONS से मिल कर बने होते है।

JAVA एक INTERPRETED और COMBALIED LANGUAGE है जबकि C एक COMPILED LANGUAGE है। C LANGUAGE का कोड DIRECT मशीन कोड में कन्वर्ट होता है और JAVA LANGUAGE का कोड पहले BYTE कोड में कन्वर्ट होता है फिर JVM उसे, मशीन कोड में कन्वर्ट करती है।

JAVA एक HIGH-LEVEL PROGRAMMING LANGUAGE है। जब की C LANGUAGE एक LOW-LEVEL PROGRAMMING LANGUAGE है। लेकिन C LANGUAGE मशीन के बहुत करीब होती है।

JAVA में POINTERS को सुरक्षित नहीं माना गया है जबकि C LANGUAGE में POINTERS को सुरक्षित माना गया है और आप इसे आसानी से HANDLE कर सकते है। JAVA में AUTOMATIC GARBAGE कलेक्शन होता है, इसलिए JAVA MEMORY को AUTOMATIC MANAGE कर सकती है। JAVA METHOD OVERLOADING को SUPPORT करती है और C LANGUAGE OVERLOADING को SUPPORT नहीं करती है। JAVA EXCEPTION HANDLING को SUPPORT करती है और C LANGUAGE EXCEPTIONS को HANDLE करने के लिए कोई MECHANISM प्रोवाइड नहीं करती है।

TECH TALKS #9

दोस्तों क्या आपको पता है? आपको फ्री WI-FI का इस्तेमाल महंगा पड़ सकता है, फ़ोन हैक और डाटा चोरी हो सकता है। आप लोग सोच रहे होंगे कैसे?? चलिए जानते है।

हमारे मोबाइल और हॉटस्पॉट के बीच कनेक्शन में जो डाटा ट्रेवल होता है वो पैकेट के फॉर्म में होता है। हैकर्स इसे कई टूल्स का सहारा लेकर चोरी करते है। 

अगर आप हॉटस्पॉट लेते दौरान किसी को भी कोई ई-मेल, कॉल या फोटो शेयर करेंग तो हैकर उसे आसानी से चुरा सकते हैं। सबसे RISKY बात तो यह है की अगर आप पब्लिक WI-FI या फ्री WI-FI लेते वक्त अपने बैंक से कोई ट्रांजेक्शन करते है तो आपके बैंक डिटेल्स भी चोरी हो सकते है।

TRICK OF THE DAY!

दोस्तों अगर आप अपने नंबर पर बहुत समय तक रिचार्ज नहीं कराते हैं तो आपका नंबर बंद हो जाता है और वह किसी और को दे दिया जाता है तो जैसे ही आप नया नंबर ले उसे तुरंत अपने बैंक अकाउंट शॉपिंग अकाउंट ईमेल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अपडेट कर दीजिए वरना आपको इसके लिए बहुत ही भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

तो दोस्तों आज के ब्लॉग में बस इतना ही बाकी का अगले ब्लॉग में। अगर आपको कुछ DOUBT या QUERY है आज के ब्लॉग में तो आप होम सेक्शन से मेरी प्रोफाइल के नीचे CONTACT US का बटन देख पाएंगे। उस पे क्लिक करेंगे तो आप के सामने एक फॉर्म ओपन हो जायेगा उसे फील करके SUBMIT कर दीजिये। में आपका ANSWER आपकी E -MAIL या अगले ब्लॉग में दे दूंगा। तब तक के लिए BYE - BYE………

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